आगरा। आज डीजीपी राजीव कृष्ण के निर्देशन में सूरसदन प्रेक्षागृह में महिला सुरक्षा एवं साइबर सुरक्षा के संबंध में एक विशेष जागरूकता कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य छात्र-छात्राओं, महिलाओं और व्यापारी वर्ग को साइबर अपराधों से बचने के तरीकों के प्रति जागरूक करना था।
डीजीपी ने किया उद्घाटन
कार्यक्रम का शुभारंभ स्वयं डीजीपी राजीव कृष्ण ने किया। उन्होंने उपस्थित लोगों को ‘साइबर फ्रॉड से बचाव’ के विभिन्न उपायों की जानकारी दी और कहा कि डिजिटल युग में साइबर अपराध तेजी से बढ़ रहे हैं, इसलिए जरूरी है कि हर नागरिक सजग और जागरूक बने। उन्होंने बताया कि थोड़ी-सी सावधानी अपनाकर लोग अपनी व्यक्तिगत जानकारी और वित्तीय सुरक्षा को सुरक्षित रख सकते हैं।

साइबर एक्सपर्ट ने दी जानकारी
इसके बाद साइबर एक्सपर्ट डॉ. रक्षित टंडन ने मंच संभाला और साइबर अपराधों से बचने के व्यावहारिक तरीके बताए। उन्होंने उदाहरणों और प्रेजेंटेशन के माध्यम से बच्चों, महिलाओं और व्यापारियों को समझाया कि किस तरह फिशिंग, ऑनलाइन फ्रॉड, सोशल मीडिया हैकिंग और फेक लिंक के जरिए अपराधी लोगों को निशाना बनाते हैं।
डॉ. टंडन ने यह भी बताया कि साइबर अपराध का शिकार होने पर घबराने के बजाय तुरंत पोर्टल पर शिकायत दर्ज करनी चाहिए या नजदीकी साइबर थाने में रिपोर्ट करनी चाहिए। उन्होंने उपस्थित लोगों से अपील की कि कोई भी संदिग्ध लिंक या कॉल आने पर अपनी निजी जानकारी साझा न करें।
कार्यक्रम के अंत में डीजीपी ने कहा कि ऐसे आयोजन समाज को डिजिटल सुरक्षा के प्रति मजबूत बनाने में अहम भूमिका निभाते हैं। उन्होंने साइबर जागरूकता को स्कूलों और कॉलेजों के पाठ्यक्रम में शामिल करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया। कार्यशाला में बड़ी संख्या में छात्र-छात्राओं, महिलाओं, पुलिस अधिकारियों और व्यापारियों ने भाग लिया और साइबर सुरक्षा को लेकर कई सवाल भी पूछे।
