देश की राजधानी दिल्ली से सटे फरीदाबाद में सुरक्षा एजेंसियों ने एक ऐसी साजिश का पर्दाफाश किया है जिसने सभी को चौंका दिया है। जम्मू-कश्मीर पुलिस और फरीदाबाद पुलिस के संयुक्त अभियान में दो अलग-अलग घरों से करीब 2923 किलो विस्फोटक पदार्थ बरामद किया गया है। शुरुआती जांच में यह विस्फोटक अमोनियम नाइट्रेट बताया जा रहा है, जिसका इस्तेमाल बड़े पैमाने पर बम बनाने में किया जाता है।
पहली कार्रवाई हुई यहां
पहली बड़ी कार्रवाई धौज इलाके में हुई, जहां पुलिस ने डॉ. मुजम्मिल नामक व्यक्ति के किराए के कमरे से 360 किलो अमोनियम नाइट्रेट, 20 टाइमर, 20 बैटरियां और हथियारों का जखीरा बरामद किया। डॉ. मुजम्मिल फरीदाबाद की अल-फलाह यूनिवर्सिटी में सीनियर डॉक्टर के तौर पर कार्यरत था और पिछले तीन साल से वहीं रह रहा था। पुलिस को शक है कि वह आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद से जुड़ा हुआ था।
इस कमरे से बरामद सूटकेसों में विस्फोटक पाउडर भरा था, जिसे उसने बड़ी सावधानी से छिपाकर रखा था। इसके अलावा, पुलिस ने उसकी निशानदेही पर एक स्विफ्ट कार भी जब्त की है, जिसमें से Krinkob असॉल्ट राइफल, तीन मैगजीन, एक पिस्टल और 83 जिंदा कारतूस मिले हैं।
दूसरी छापेमारी ऐसे हुई
दूसरी छापेमारी फरीदाबाद के फतेहपुर तगा गांव में की गई, जो धौज से करीब चार किलोमीटर दूर है। यहां से पुलिस ने 2563 किलो संदिग्ध विस्फोटक बरामद किया है। यह घर भी मुजम्मिल ने किराए पर लिया हुआ था। मौके से एक मौलाना को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है।
जांच एजेंसियों का कहना है कि गिरफ्तार डॉ. मुजम्मिल और कश्मीर के अन्य दो डॉक्टरों — डॉ. आदिल और डॉ. उमर मोहम्मद — के बीच आतंकवादी नेटवर्क का गहरा संबंध है। इनमें से दो को गिरफ्तार कर लिया गया है जबकि एक फरार है।
7 नंबवर को आदिल हुआ था गिरफ्तार
गौरतलब है कि 7 नवंबर को श्रीनगर पुलिस ने सहारनपुर से डॉ. आदिल को गिरफ्तार किया था। उसकी निशानदेही पर अनंतनाग में AK-47, दो पिस्टल और भारी मात्रा में विस्फोटक बरामद हुए थे।
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि यह ऑपरेशन अब तक का सबसे बड़ा आतंकी नेटवर्क खुलासा हो सकता है, जो देश की राजधानी के आसपास बड़े धमाकों की साजिश रच रहा था। फिलहाल सभी बरामद हथियार और विस्फोटक फॉरेंसिक जांच के लिए भेजे गए हैं, और आतंकियों के नेटवर्क की जड़ तक पहुंचने के लिए जांच जारी है।