जलेसर (एटा)। समाज में जब अपनों का सहारा छूट जाता है, तब पुलिस का मानवीय चेहरा ही राहत का कारण बनता है। ऐसा ही एक उदाहरण बुधवार को जलेसर थाना क्षेत्र में देखने को मिला, जब अपने ही पुत्रों द्वारा घर से निकाले गए एक बुजुर्ग दंपती की मदद कर थाना प्रभारी अमित कुमार ने इंसानियत की मिसाल पेश की।
ये है मामला
महावीरगंज मोहल्ला निवासी हरिशंकर और उनकी पत्नी कटोरी देवी ने पूरी जिंदगी मेहनत कर अपने तीन पुत्रों—संजू, राजू और विष्णु—को पाला-पोसा और आत्मनिर्भर बनाया। लेकिन वृद्धावस्था में वही बेटे उनके लिए दर्द का कारण बन गए। चार दिन पहले तीनों ने मिलकर अपने माता-पिता को घर से बाहर निकाल दिया। बेबस दंपती भूखे-प्यासे सड़कों पर भटकते रहे और कई रातें खुले आसमान के नीचे गुजार दीं। अंततः न्याय की उम्मीद में दोनों थाने पहुंचे और अपनी आपबीती सुनाई।
उनकी व्यथा सुनकर थाना प्रभारी अमित कुमार का हृदय पसीज गया। उन्होंने तुरंत दोनों को थाने में ही भरपेट भोजन कराया और सम्मान के साथ बैठाया। इसके बाद उन्होंने बेटों को बुलाने के लिए पुलिस टीम भेजी, लेकिन पुलिस के पहुंचते ही परिवार के सदस्य घर में ताला लगाकर भाग गए। स्थिति समझते हुए थाना प्रभारी स्वयं मौके पर पहुंचे और ताला तुड़वाकर बुजुर्ग दंपती को उनके घर में पुनः प्रवेश दिलाया।
हो रही सराहना
यही नहीं, उन्होंने पड़ोस में रहने वाले दंपती के भतीजे मुकेश को बुलाकर उनकी देखभाल की जिम्मेदारी सौंपी और आश्वासन दिया कि पुलिस हर संभव सहायता देगी। थाना प्रभारी अमित कुमार के इस मानवीय कदम की क्षेत्र में खूब सराहना हो रही है। लोगों का कहना है कि ऐसे पुलिस अधिकारी ही समाज में भरोसा और मानवता को जिंदा रखते हैं।