बरेली। मिशन शक्ति 5.0 के तहत उत्तर प्रदेश पुलिस ने एक बार फिर संवेदना और संरचना के समन्वय से करुणामय पुलिसिंग की मिसाल पेश की है। थाना क्षेत्र में 2 सितंबर को एक छह वर्षीय बच्ची के साथ हुए दुष्कर्म की घटना में बरेली पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए पीड़िता को न केवल चिकित्सीय सहायता दिलाई, बल्कि मिशन शक्ति केंद्र के माध्यम से उसके पुनर्वास की दिशा में उल्लेखनीय कदम उठाए।
तत्काल लिया गया मामले का संज्ञान
जैसे ही मामला बरेली मिशन शक्ति नोडल अधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक (दक्षिणी) अर्चना सिंह के संज्ञान में आया, उन्होंने तुरंत जिला स्तरीय ट्रॉमा इंफॉर्म्ड केयर टीम को सक्रिय किया। टीम प्रभारी मनीषा हुसैन और मिशन शक्ति टीम 1090 मौके पर पहुंचीं और पीड़िता व उसके परिजनों को हर संभव सहयोग दिया। गंभीर रूप से घायल बच्ची को तत्काल अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां विशेष चिकित्सकों की देखरेख में दो सर्जरी कराई गईं।
एसपी (दक्षिणी) अर्चना सिंह स्वयं अस्पताल पहुंचीं और पीड़िता का हालचाल लेकर उसे आर्थिक, मानसिक और कानूनी सहायता का भरोसा दिलाया। उन्होंने कहा कि “मिशन शक्ति के तहत हर महिला और बच्ची को न्याय और सुरक्षा दिलाना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है।”
मिशन शक्ति केंद्र की देखरेख में बच्ची को निरंतर ट्रॉमा थेरेपी और काउंसलिंग प्रदान की जा रही है। अब उसकी सेहत में उल्लेखनीय सुधार है और टीम लगातार परिवार के संपर्क में बनी हुई है।
डीजीपी के निर्देश पर चल रहा अभियान
डीजीपी राजीव कृष्ण के निर्देशन में मिशन शक्ति 5.0 के तहत विकसित यह ट्रॉमा केयर मॉडल महिलाओं और बच्चियों की सुरक्षा का एक सशक्त स्तंभ बनकर उभरा है। यह पहल न केवल पुलिस की मानवीय संवेदना को रेखांकित करती है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि अब उत्तर प्रदेश में पुलिस केवल कानून का प्रवर्तन नहीं, बल्कि भरोसे और सहारे की प्रतिमूर्ति बन चुकी है।