उत्तर प्रदेश में बढ़ते अपराधों पर नकेल कसने के लिए यूपी पुलिस ने एक खास अभियान चलाया है, जिसे नाम दिया गया है “ऑपरेशन लंगड़ा”। इस नाम के पीछे छुपा है सख्त कानून और अपराधियों को घुटनों पर लाने का इरादा। इस ऑपरेशन के तहत पुलिस अपराधियों को पकड़ने के लिए सीधे उनकी टांगों में गोली मार रही है, ताकि वो भाग न सकें और गिरफ्तारी आसान हो सके।
ये है मुठभेड़ों की लिस्ट
शामली के झिंझाना थाना क्षेत्र के कैराना रोड पर पुलिस और बावरिया गिरोह के बदमाशों के बीच मुठभेड़ हुई। इस दौरान 25 हजार रुपये का इनामी बदमाश गोली लगने से घायल हो गया। उसे इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जबकि उसका साथी कपिल गिरफ्तार कर लिया गया है। दोनों के खिलाफ कई संगीन मामले दर्ज हैं और उनके पास से अवैध हथियार भी बरामद हुए हैं।
फिरोजाबाद के रसूलपुर थाना क्षेत्र में पुलिस ने शातिर चोर आलीशान मोहम्मद को मुठभेड़ में गिरफ्तार किया। वह शहर में 10 से ज्यादा चोरियां कर चुका था और हर बार होलिया (वेश) बदलकर बच निकलता था। इस बार वह सीसीटीवी में कैद हुआ और पुलिस की रडार पर आ गया। मुठभेड़ में घायल होने के बाद उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
राजधानी लखनऊ में महानगर थाना क्षेत्र में पुलिस ने मुठभेड़ में घायल कुलदीप के तीन फरार साथियों — नीरज उर्फ लंबे, पिंटू और प्रकाश को 24 घंटे के भीतर गिरफ्तार किया। तीनों पर 25-25 हजार का इनाम घोषित था। इसके अलावा, पीजीआई थाना पुलिस ने अंतरराज्यीय शराब तस्करों के गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए राजस्थान के सोनू और सीताराम बागरिया को गिरफ्तार किया। इनके पास से 18 लाख रुपये की अवैध शराब जब्त की गई, जिसे बिहार ले जाया जा रहा था।
प्रतापगढ़ पुलिस ने भी ऑपरेशन लंगड़ा के तहत 25 हजार का इनामी संतोष गिरफ्तार किया है, जो लखनऊ के रजिस्ट्री कार्यालय में हुई फायरिंग और मारपीट के मामले में फरार था। इस केस में अब तक कुल 6 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है।
क्यों चलाया जा रहा है ‘ऑपरेशन लंगड़ा’?
यूपी पुलिस की मानें तो ऑपरेशन लंगड़ा का मकसद अपराधियों को गंभीर चोट पहुंचाकर उन्हें गिरफ्तारी के काबिल बनाना है, ताकि वो दोबारा अपराध न कर सकें और समाज में कानून का डर बना रहे। इस अभियान के तहत अपराधियों को खासतौर पर पैरों में गोली मारी जा रही है, जिससे वे स्थायी रूप से ‘लंगड़ा’ हो जाते हैं।