गोरखपुर की 26वीं पीएसी बटालियन में महिला सिपाहियों द्वारा बुनियादी सुविधाओं की कमी को लेकर धरना देने के बाद पुलिस विभाग हरकत में आया। वरिष्ठ अधिकारियों ने तुरंत कैंपस पहुंचकर ट्रेनी सिपाहियों से बातचीत की और तकनीकी जांच कराई। मामले न हुई तत्काल कार्रवाई से पुलिस विभाग ने साबित किया है कि महिला सिपाहियों की गरिमा, सुरक्षा और सुविधाएं सर्वोच्च प्राथमिकता हैं।
ये था मामला
जानकारी के मुताबिक, गोरखपुर के बिछिया स्थित 26वीं पीएसी बटालियन ट्रेनिंग सेंटर में बुधवार सुबह उस वक्त हलचल मच गई, जब करीब 600 महिला ट्रेनी सिपाहियों ने मूलभूत सुविधाओं की कमी को लेकर एकसाथ प्रदर्शन कर दिया।
महिला सिपाहियों ने आरोप लगाया कि ट्रेनिंग सेंटर में न बिजली है, न पर्याप्त पानी और न ही साफ-सफाई। वहीं, कुछ सिपाहियों ने बाथरूम में कैमरे लगे होने की भी गंभीर शिकायत की, जिससे निजता भंग होने की आशंका जताई गई।
महिला सिपाहियों का कहना था कि सेंटर की क्षमता केवल 360 की है, जबकि 600 से ज्यादा महिलाओं को ठूंसा गया है। नतीजतन, सोने और बैठने तक की जगह नहीं बची। कुछ ट्रेनीज़ ने रोते हुए बताया कि पीने के पानी की भी भारी कमी है और अधिकारियों की तरफ से समस्याएं सुनने के बाद भी कोई हल नहीं निकला।
अफसरों ने उठाए कदम
मामले की गंभीरता को देखते हुए वरिष्ठ अधिकारियों ने तत्काल मौके पर पहुंचकर संवाद किया और विस्तृत जांच कराई। बिजली और पानी की अस्थायी समस्या का समाधान कर दिया गया है। बाथरूम में कैमरे लगे होने की बात जांच में तथ्यहीन पाई गई। हालांकि, महिला सिपाहियों से अमर्यादित व्यवहार के आरोप में एक पीटीआई को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।
