गोरखपुर। प्रदेश की बेटियाँ अगर खाकी पहनकर जनता की हिफाजत का सपना संजोएं और खुद असुरक्षित महसूस करें, तो यह सवाल सिर्फ व्यवस्थाओं पर नहीं, सोच पर भी उठता है। कुछ ऐसा ही नज़ारा बुधवार सुबह गोरखपुर के बिछिया स्थित पीएसी ट्रेनिंग सेंटर में देखने को मिला, जब सैकड़ों महिला ट्रेनी सिपाहियों ने एकसाथ प्रदर्शन कर डाला।
बाथरूम में कैमरे, बिजली-पानी का संकट
करीब 600 महिला ट्रेनीज़ सुबह-सुबह कैंपस से बाहर निकल आईं और प्रशासनिक लापरवाही के खिलाफ खुलकर आवाज़ उठाई। उनका आरोप है कि ट्रेनिंग सेंटर में बुनियादी सुविधाओं तक का घोर अभाव है — बिजली, पानी, साफ-सफाई और सुरक्षा जैसे जरूरी इंतज़ाम नदारद हैं।
ट्रेनीज़ ने दावा किया कि बाथरूम जैसी निजता वाली जगह में कैमरे लगे हैं, और उनका वीडियो बनाए जाने की आशंका है। एक महिला सिपाही ने रोते हुए बताया, “जब अफसरों से शिकायत की, तो उन्होंने सुन लिया, मगर कोई कार्रवाई नहीं हुई।” वहीं, एक अन्य ट्रेनी ने बताया कि रातभर बिजली नहीं थी, वॉशरूम में पानी नहीं आता और पूरे दिन के लिए सिर्फ आधा लीटर पीने का पानी दिया जाता है।
360 की जगह रह रहीं 600 महिलाएं
शिकायतें यहीं तक सीमित नहीं रहीं। महिला सिपाहियों ने बताया कि सेंटर की क्षमता 360 है, लेकिन उसमें 600 ट्रेनी ठूंसी जा रही हैं। नतीजतन, न सोने की जगह बचती है, न बैठने की।
विवाद उस समय और बढ़ गया जब डीआईजी रोहन पी ने अविवाहित महिला ट्रेनीज़ की प्रेग्नेंसी जांच कराने का आदेश दे दिया। इस पर नाराज़गी और आशंका फैल गई। बाद में आईजी ट्रेनिंग चंद्र प्रकाश ने हस्तक्षेप कर आदेश रद्द किया और कहा कि सिर्फ शपथ पत्र ही पर्याप्त होगा।
अफसर पहुंचे समझाने, लेकिन ग़ुस्सा कायम
मामले की जानकारी मिलते ही वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंचे और हालात को शांत करने की कोशिश की। फिलहाल माहौल नियंत्रण में बताया जा रहा है, मगर ट्रेनी महिलाओं में नाराज़गी अभी भी बनी हुई है। वे साफ कह चुकी हैं कि जब तक सुविधाएं नहीं सुधरतीं, वे ट्रेनिंग में हिस्सा नहीं लेंगी।