कानपुर पुलिस कमिश्नरेट में ड्यूटी से लंबे समय से गैरहाजिर 161 पुलिसकर्मियों को लेकर पुलिस विभाग ने गंभीर रुख अपनाया है। इन सभी कर्मियों ने छुट्टी लेने के बाद समय पर रिपोर्ट नहीं किया और अब तक उनसे कोई संपर्क नहीं हो सका है। विभाग द्वारा कई प्रयासों और नोटिस भेजे जाने के बावजूद जब कोई जवाब नहीं आया, तो अंततः एक समग्र रिपोर्ट तैयार कर पुलिस मुख्यालय लखनऊ को भेज दी गई है।
इस लिस्ट में सिपाही से लेकर अन्य श्रेणियों के वे पुलिसकर्मी शामिल हैं, जो महीनों से बिना सूचना के लापता हैं। कुछ ने पारिवारिक कारण बताए थे, कुछ ने बीमारी की बात कही थी, लेकिन बाद में वे लौटे ही नहीं। पुलिस लाइन, चारों जोन, ट्रैफिक विभाग और कार्यालयों से ऐसे मामलों की पुष्टि हुई है।
नियमानुसार कार्रवाई होगी
विभागीय सूत्रों के मुताबिक, यदि कोई बिना अनुमति लंबे समय तक ड्यूटी से दूर रहता है और पत्राचार का जवाब नहीं देता है, तो उसकी सेवा समाप्त करने की प्रक्रिया शुरू की जा सकती है। हालांकि, कुछ पुलिसकर्मी ऐसे भी हैं जो मेडिकल सर्टिफिकेट लेकर लौटते हैं और फिर ड्यूटी जॉइन करने के लिए कानूनी रास्ता अपनाते हैं।
गैरहाजिर पुलिसकर्मियों की स्थिति: आंकड़ों की जुबानी
ड्यूटी पर भेजे गए, फिर लौटे ही नहीं
कुल 41 पुलिसकर्मी अलग-अलग जगहों पर तैनाती के बाद से ड्यूटी पर वापस नहीं लौटे। मानो ड्यूटी से सीधे ‘लापता’ हो गए हों।
कार्रवाई के बाद हुई दूरी
39 पुलिसकर्मी विभागीय कार्रवाई के बाद न सिर्फ गैरहाजिर हुए, बल्कि संपर्क से भी दूर चले गए। इन्हें भी ‘डिसलोकेट’ की श्रेणी में गिना गया है।
छुट्टी पर गए, मगर वापसी नहीं हुई
34 कर्मचारी ऐसे हैं जिन्होंने विधिवत छुट्टी ली, लेकिन नियत समय पर आमद नहीं कराई और न ही कोई सूचना दी।
बीमारी की छुट्टी बनी रहस्य
27 पुलिसकर्मी बीमार बताकर छुट्टी पर गए, लेकिन इसके बाद उनकी वापसी नहीं हो सकी। विभाग के लिए यह भी चिंता का विषय है।
गैरजनपद में तैनात, लेकिन महीनों से गायब
20 पुलिसकर्मी छह महीने से अधिक समय से गैर जिलों में डटे हुए हैं। इन्हें कई बार बुलाया गया, लेकिन इन्होंने ड्यूटी जॉइन नहीं की।