उत्तर प्रदेश के जौनपुर जनपद से पुलिस महकमे की छवि को धक्का पहुंचाने वाली एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है। चंदवक थाने में तैनात एक पुलिसकर्मी ने न सिर्फ विभागीय संवेदना को ठेस पहुंचाई, बल्कि शहीद सहयोगी के परिवार की पीड़ा को भी मुनाफे का जरिया बना लिया। मामला प्रकाश में आने के बाद वरिष्ठ अधिकारियों ने कड़ा रुख अपनाते हुए आरोपी को निलंबित कर विभागीय जांच के आदेश दिए हैं।
ये है मामला
यह प्रकरण चंदवक थाने से जुड़ा है, जहां 17 मई को हेड कांस्टेबल दुर्गेश कुमार सिंह ड्यूटी के दौरान पशु तस्करों की गाड़ी से कुचलकर शहीद हो गए थे। घटना के बाद उनके परिवार की आर्थिक मदद के लिए पुलिसकर्मियों और स्थानीय लोगों ने सहयोग राशि एकत्र की थी।
वहीं, इसी संवेदनशील मौके का फायदा उठाते हुए उसी थाने में तैनात सिपाही अजय कुमार राव पर आरोप है कि उसने शहीद पुलिसकर्मी की पत्नी के नाम पर सहानुभूति जुटाई और करीब चार लाख रुपये का चंदा वसूल लिया। लेकिन यह पूरी रकम उसने खुद हड़प ली और पीड़ित परिवार को एक पैसा नहीं दिया।
बताया जा रहा है कि अजय ने यह धनराशि चंदवक, केराकत और गौराबादशाहपुर क्षेत्रों के लोगों से ‘सहायता’ के नाम पर जुटाई थी। जब पीड़ित परिवार तक मदद नहीं पहुंची, तो संदेह के बाद शिकायत का सिलसिला शुरू हुआ।
लोगों ने इसकी जानकारी सीधे पुलिस अधीक्षक डॉ. कौस्तुभ को दी। एसपी ने तत्काल मामले को संज्ञान में लेकर सीओ सदर देवेश कुमार सिंह को जांच सौंपी। प्राथमिक जांच में आरोपों की पुष्टि होते ही आरोपी पुलिसकर्मी को निलंबित कर दिया गया और उसके विरुद्ध विभागीय कार्यवाही शुरू कर दी गई है।
लोगों में है घटना को लेकर रोष
स्थानीय लोगों में इस घटना को लेकर रोष है। उनका कहना है कि किसी पुलिसकर्मी द्वारा अपने शहीद साथी के नाम पर धोखा देना बेहद निंदनीय और मानवीय मूल्यों के विपरीत है। अब सभी की निगाहें इस बात पर हैं कि विभागीय जांच में आगे क्या निष्कर्ष निकलता है और आरोपी को कितनी सख्त सजा दी जाती है।