कानपुर में विवाद पर सख्त हुए पुलिस कमिश्नर: पत्राचार की भाषा और प्रक्रिया पर जताई नाराजगी

Share This

कानपुर में राज्य महिला आयोग की सदस्य और पुलिस विभाग के बीच हुए विवाद ने शहर में नई चर्चा छेड़ दी है, लेकिन इस पूरे मामले का सबसे अहम पहलू पुलिस कमिश्नर रघुवीर लाल का रुख रहा। उन्होंने न सिर्फ स्थिति को शांत करने की कोशिश की, बल्कि विभागीय प्रक्रिया पर भी गंभीर सवाल उठाए।

ये है मामला 

दरअसल, मामला बर्रा थाने के निरीक्षण से शुरू हुआ था। निरीक्षण के बाद आयोग की सदस्य अनीता गुप्ता को संयुक्त पुलिस आयुक्त की ओर से एक पत्र भेजा गया, जिसमें पुलिस थानों के सीधे निरीक्षण को उनके क्षेत्राधिकार से बाहर बताया गया। पत्र की भाषा और शैली को लेकर आयोग सदस्य ने आपत्ति जताई और इसे अनुचित कहा।

जब यह मामला पुलिस कमिश्नर के संज्ञान में आया, तो उन्होंने साफ कर दिया कि इस तरह का पत्राचार उनके संज्ञान में लाए बिना नहीं भेजा जाना चाहिए था। उन्होंने स्वीकार किया कि पत्र में अपेक्षित शिष्टाचार की कमी थी और यह भी स्पष्ट किया कि भविष्य में किसी भी संवैधानिक या वरिष्ठ अधिकारी को भेजे जाने वाले पत्राचार को स्वयं उनके पास रखा जाएगा, ताकि भाषा और प्रक्रिया दोनों संतुलित रहें।

पुलिस कमिश्नर ने कहा ये

कमिश्नर रघुवीर लाल ने दोनों पक्षों से बात कर स्थिति को समझने की कोशिश की। उन्होंने बताया कि महिला आयोग की सदस्य थाने में किसी समस्या के समाधान के लिए गई थीं और पत्र भेजे जाने को लेकर गलतफहमी बनी। उनके हस्तक्षेप के बाद बातचीत से मामला शांत करने की कोशिश की गई।

इस पूरे घटनाक्रम में पुलिस कमिश्नर का रुख एक सख्त प्रशासक की तरह दिखा, जिसने विभाग की आंतरिक प्रक्रिया पर ध्यान देते हुए यह सुनिश्चित करने की बात कही कि भविष्य में इस तरह की किसी घटना से अनावश्यक विवाद न पैदा हो।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *