अलीगढ़ में मंगलवार रात उस समय हलचल मच गई, जब एसएसपी नीरज जादौन अचानक आम नागरिकों की तरह कपड़े पहनकर शहर की उस गली में पहुँच गए, जो लंबे समय से शराबियों के अड्डे के रूप में बदनाम है। बिना किसी औपचारिक काफिले और सुरक्षा के पहुंचने वाले अधिकारी को वहां बैठे कुछ लोगों ने पहचान भी नहीं पाया। पूछताछ शुरू हुई तो शराब पी रहे युवक उल्टा धौंस जमाने लगे—“क्या काम है? कौन हो?”
एसएसपी ने बुलाई अतिरिक्त फोर्स
शांत लेकिन सख़्त अंदाज में जवाब आया—“मैं इस जिले का एसएसपी हूं।” बस इतना सुनते ही पूरा माहौल मिनटों में बदल गया। कई लोग अपने गिलास और बोतलें छोड़कर अंधेरे में ग़ायब हो गए।
कुछ ही देर में एसएसपी ने कंट्रोल रूम को कॉल कर अतिरिक्त फ़ोर्स बुला ली। पुलिस पहुंचते ही पूरी गली को खाली कराया गया, छह लोगों को हिरासत में लिया गया और नगर निगम टीम के साथ मिलकर टेबल, बेंच, डीप फ्रीज़र और बाकी सामान हटवा दिया गया।
एसएसपी ने कहा ये
तस्वीर महल चौराहे के पास स्थित यह संकरी गली वर्षों से शराब के ठिकाने के तौर पर कुख्यात रही है। शाम ढलते ही यहां देशी, अंग्रेजी और बीयर की दुकानों के बाहर भीड़ जमा हो जाती है, जिससे राहगीरों का निकलना भी मुश्किल हो जाता है। स्थानीय लोग लगातार शिकायत कर रहे थे कि शराब पीकर गाली-गलौज और झगड़े रोज़ाना का दृश्य बन चुके हैं—और यह सब एसएसपी ऑफिस के ठीक सामने होता था।
कार्रवाई के बाद एसएसपी नीरज जादौन ने कहा कि खुलेआम शराब पिलाए जाने की शिकायतें गंभीर थीं। दुकानें सील कराई गई हैं और पूरी रिपोर्ट जिला अधिकारी को भेज दी गई है ताकि आगे दुकान को हटाने की प्रक्रिया शुरू हो सके।