हापुड़। गढ़मुक्तेश्वर गंगा मेला शुरू होते ही तीर्थनगरी ब्रजघाट में भी आस्था का सैलाब उमड़ने लगा है। अनुमान है कि इस बार करीब पांच लाख श्रद्धालु गंगा स्नान के लिए पहुंचेंगे। हालांकि, दिल्ली-लखनऊ हाईवे के किनारे बसे इस तीर्थस्थल पर भारी वाहनों का दबाव और लगातार बढ़ती भीड़ के कारण चतुर्दशी और पूर्णिमा के दिन यातायात व्यवस्था बड़ी चुनौती बनने वाली है। प्रशासन ने एहतियातन पुलिस बल की तैनाती तो की है, मगर भीड़ के मुकाबले संसाधन सीमित हैं।
हर बात हालत होती है खराब
गढ़मुक्तेश्वर में हर साल की तरह इस बार भी चतुर्दशी की दोपहर से जाम की स्थिति बनने लगी है। कई बार हालात इतने बिगड़ जाते हैं कि हाईवे पर वाहनों की कतारें 10 से 12 किलोमीटर तक लग जाती हैं। इस बीच, ब्रजघाट के स्थानीय मेले में श्रद्धालुओं की संख्या लगातार बढ़ रही है। होटल, धर्मशालाएं और गेस्ट हाउस पहले ही भरे जा चुके हैं, जिससे अब तीर्थयात्रियों को ठहरने में भी मुश्किलें हो रही हैं।
दीपदान और धार्मिक अनुष्ठानों के लिए गढ़मेला मार्ग और ब्रजघाट के घाटों पर उमड़ती भीड़ के चलते ट्रैफिक पुलिस को कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है। पलवाड़ा से ब्रजघाट तक के मार्गों पर अक्सर वाहनों की लंबी कतारें लग जाती हैं। पिछले वर्ष भी पौष अमावस्या पर इसी तरह की स्थिति बनी थी, जब करीब पांच लाख श्रद्धालुओं की भीड़ के कारण 18 घंटे तक जाम लगा रहा था।
इसके बावजूद इस बार शहरी मेले की सुरक्षा का जिम्मा मात्र 67 पुलिसकर्मियों को सौंपा गया है, जिनमें एक थाना प्रभारी, 15 उपनिरीक्षक, 44 हेड कांस्टेबल और सात महिला आरक्षी शामिल हैं। इसके अतिरिक्त तीन एंटी रोमियो टीमें भी तैनात की गई हैं जो भीड़ में शरारती तत्वों पर नजर रखेंगी।
टावरों पर तैनात रहेगी पुलिस
गंगा तट पर बने निगरानी टावरों से पुलिस लगातार स्थिति पर नजर रख रही है। पूरे मेले क्षेत्र को 24 घंटे सीसीटीवी कैमरों से मॉनिटर किया जा रहा है। घाटों की ओर जाने वाले मार्गों पर बैरिकेडिंग की गई है और सभी प्रवेश द्वारों पर पिकेट व चेकिंग पॉइंट्स बढ़ाए गए हैं। कोतवाल मनोज बालियान ने बताया कि श्रद्धालुओं की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है और पुलिस हर संभावित चुनौती से निपटने के लिए सतर्क है।