गाजीपुर ज़िले के नोनहरा थाने में बीते दिनों हुआ धरना प्रदर्शन अब बड़े विवाद में बदल गया है। मंगलवार रात थाने पर डटे लोगों में शामिल भाजपा कार्यकर्ता सियाराम उपाध्याय (35) की गुरुवार सुबह मौत हो गई। उनकी मौत के बाद गांव और संगठन में आक्रोश गहराया है।
बिजली के खंभे से शुरू हुआ विवाद
मामला नौ सितंबर का है। गांव में बिजली का खंभा लगाने को लेकर ग्राम प्रधान और पूर्व प्रधान के बीच कहासुनी हुई थी। यह टकराव थाने तक पहुंचा और एक पक्ष के लोग देर रात धरने पर बैठ गए।
पुलिस अधीक्षक ईरज राजा ने लाठीचार्ज की बात से साफ इनकार किया है। उन्होंने कहा कि अंधेरे में हड़कंप जरूर मचा था लेकिन बल प्रयोग नहीं हुआ। बावजूद इसके, जांच प्रभावित न हो इसलिए थाना प्रभारी समेत छह पुलिसकर्मियों को निलंबित और अन्य छह को लाइन हाजिर कर दिया गया है। साथ ही मजिस्ट्रियल जांच और पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर आगे कार्रवाई की बात कही गई है।
परिवार और ग्रामीणों के आरोप
सियाराम के पिता गिरिजा उपाध्याय का कहना है कि रात को पुलिस ने अंधेरे का फायदा उठाकर लाठियां चलाईं, जिसमें उनका बेटा गंभीर रूप से घायल हो गया। उनका आरोप है कि सियाराम लंबे समय से भाजपा संगठन से जुड़े थे और अब उन्हें न्याय चाहिए। धरने में मौजूद कार्यकर्ता राजेश राय ने भी दावा किया कि आधी रात पुलिस की कार्रवाई में कई लोग जख्मी हुए।