उत्तर प्रदेश पुलिस की ऐतिहासिक भर्ती के बाद शुरू हुई ट्रेनिंग के बीच मुजफ्फरनगर से एक असामान्य मामला सामने आया है, जहाँ पांच नवचयनित कांस्टेबलों ने अचानक नौकरी छोड़ने की इच्छा जताई है। इन प्रशिक्षुओं में एक महिला और दो पूर्व सैनिक भी शामिल हैं। यह घटनाक्रम एसएसपी कार्यालय में उस वक्त घटित हुआ जब ये सभी खुद उपस्थित होकर त्यागपत्र सौंपने पहुंचे।
पुलिस सेवा में ‘सामंजस्य’ की कमी बताई
इस्तीफा देने वालों में एक ट्रेनी ने यह कहकर सभी को चौंका दिया कि वह पुलिस के लिए बना ही नहीं है। इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा कर चुके इस युवक ने ट्रेनिंग के शुरुआती सप्ताह में ही यह अनुभव कर लिया कि यह सेवा उसके व्यक्तित्व से मेल नहीं खाती।
एक अन्य महिला कांस्टेबल ने बताया कि उसे किसी दूसरे विभाग में अपेक्षाकृत बेहतर नौकरी मिल गई है, इसलिए उसने यह निर्णय लिया। दो पूर्व सैनिक प्रशिक्षुओं ने अपनी पारिवारिक जिम्मेदारियों का हवाला दिया और बताया कि ड्यूटी की अनियमितता उन्हें परिवार से दूर कर रही है, जो अब उनके लिए संभव नहीं।
एसएसपी बोले – एक इस्तीफा स्वीकार, चार पर चल रही जांच
एसएसपी संजय कुमार वर्मा के मुताबिक, एक ट्रेनी का इस्तीफा तुरंत स्वीकार कर लिया गया है, जबकि शेष चार मामलों की विभागीय जांच की जा रही है।
सूत्रों के अनुसार, अगर कोई प्रशिक्षु ट्रेनिंग के दौरान सेवा त्यागता है, तो उसे प्रति दिन करीब 800 रुपये का शुल्क चुकाना पड़ता है — जो ट्रेनिंग की अवधि के अनुसार जोड़कर वसूला जा सकता है।