UP Police की 5 महिला सिपाही बनना चाहती हैं पुरुष, DG ऑफिस में प्रार्थन पत्र देकर मांगी ‘लिंग परिवर्तन’ की अनुमति

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उत्तर प्रदेश पुलिस (UP Police) की पांच महिला सिपाहियों (Five Female Constables) ने डीजी आफिस में प्रार्थना पत्र देकर लिंग परिवर्तन (Gender Change) की अनुमति मांगी है। वहीं, पुलिस महकमे में पहली बार इस तरह का मामला सामने आने के बाद अधिकारी भी परेशान हैं। पुलिस अफसर अब इसका रास्ता खोजने में लगे हैं।

महिला सिपाही ने कहा- हाईकोर्ट में भी लगाऊंगी गुहार

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, डीजी ऑफिस ने इन महिला सिपाहियों के तैनाती वाले जिले के पुलिस कप्तानों को पत्र जारी कर इनकी काउंसिलिंग कराने को कहा है। इन पांच महिला सिपाहियों में से एक गोरखपुर में तैनात है। इसके अलावा गोंडा, सीतापुर में तैनात महिला सिपाहियों ने भी लिंग परिवर्तन के लिए आवेदन किया है।

गोरखपुर की महिला सिपाही ने बताया कि डीजी ऑफिस में प्रार्थना पत्र दिया है। मुझे बुलाकर पूछा भी गया है। मेरा जेंडर डिस्फोरिया है। इसका सर्टिफिकेट भी आवेदन में लगाया है। हालांकि, इस मामले में लखनऊ मुख्यालय से अभी कोई फैसला नही आया है। अगर सकारात्मक निर्णय नहीं लिया गया तो जेंडर चेंज कराने के लिए हाईकोर्ट में भी गुहार लगाऊंगी।

अयोध्या की महिला सिपाही बोली-चेंज होने लगा था हार्मोंस

वहीं, अयोध्या की रहने वाली महिला सिपाही ने बताया कि यूपीपी में 2019 में उनकी नौकरी लगी। उनकी पहली तैनाती गोरखपुर में ही है। लिंग परिवर्तन के लिए फरवरी 2023 से दौड़-भाग शुरू की। इसके बाद से वह गोरखपुर में एसएसपी, एडीजी फिर मुख्यालय तक जा चुकी हैं। पढ़ाई के दौरान ही उनका हार्मोंस चेंज होने लगा था। अब मैं पुरूष बनना चाहती हूं।

महिला सिपाही ने बताया कि सबसे पहले उन्होंने दिल्ली में एक बड़े डॉक्टर से कई चरणों में काउंसिलिंग करवाई। इसके बाद डॉक्टर ने पाया कि उन्हें जेंडर डिस्फोरिया है। डॉक्टर की रिपोर्ट को आधार बनाकर उन्होंने लिंग परिवर्तन करने की अनुमति मांगी है। अनुमति मिलते ही वह जेंडर चेंज करने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाएंगी ।

महिला सिपाही के मुताबिक, उनकी तरह ही गोंडा की महिला सिपाही ने भी लिंग परिवर्तन कराने के लिए हाईकोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया है। उसकी याचिका पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि लिंग परिवर्तन कराना संवैधानिक अधिकार है। अगर आधुनिक समाज में किसी व्यक्ति को अपनी पहचान बदलने के इस अधिकार से वंचित करते हैं या स्वीकार नहीं करते हैं तो हम सिर्फ लिंग पहचान विकार सिंड्रोम को प्रोत्साहित करेंगे। बता दें कि हाईकोर्ट ने यूपी के डीजीपी को महिला कांस्टेबल के आवेदन को निस्तारित करने का निर्देश दिया है

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