Smart Policing
गाजियाबाद पुलिस ने कहा- अलग ब्रांडेड कंपनी का हेलमेट बाजार से कम कीमत में मिल रहा हो तो हो जाए सावधान

गाजियाबाद पुलिस यूं तो हमेशा से ही आम लोगों को जागरूक करती दिखाई देती है। इसके लिए कभी पुलिस सड़को पर उतरकर अभियान के जरिए, तो कभी किसी कार्यक्रम के तहत सावधान करती है। जहां एसएसपी मुनिराज जी. खुद सड़क सुरक्षा, जीवन रक्षा अभियान के तहत सड़को पर निकल कर हेलमेट लगाने की नसीहते देते हैं। तो अब एसएसपी के निर्देश पर लोगों के हेलमेट (helmet) खरीदने के लिए सावधान किया जा रहा है। पुलिस के मुताबिक 2 पहिया वाहन चालक यदि किसी ब्रांडेड कंपनी का हेलमेट बाजार से कम कीमत पर खरीद रहे हैं। तो उसको लेने से पहले ही सवाधान हो जाए। क्योंकि वह नकली हो सकता है। जिसकी गुणवक्ता आपकी सुरक्षा में बहुत बड़ी चूक है। गाजियाबाद पुलिस के मुताबिक जब भी हेलमेट खरीद रहे हैं। तो उसकी गुणवक्ता को जरूर परख ले। पुलिस का ऐसा करने के पीछे का कारण यह है कि बीते दिनों गाजियाबाद पुलिस (Ghaziabad Police) ने दिल्ली बॉर्डर से ब्रांडेड हेलमेट की नकली फैक्ट्री (duplicate helmet) का खुलासा किया है। यह नकली ब्रांडेड हेलमेट कई जिलों में सप्लाई होते है।
पुलिस को युवक ने शिकायत दर्ज कराई
गाजियाबाद लोनी थाना प्रभारी सतीश कुमार द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक रेलवे रोड पर रहने वाले बिट्टू ने केस दर्ज करते हुए बताया कि उसने कुछ दिनों पहले ही ब्रांडेड कंपनी का एक हेलमेट 700 रूपये में खरीदा था। 29 जुलाई को वह गाजियाबाद की तरफ जा रहा था। कुछ ही दूरी पर पहुंचकर उसकी बाइक बीच रास्ते में पड़ी हुई ईट पर चढ़ने अनियंत्रित हो गई। जिसकी वजह से वह गिर गया। गिरते ही बाइक चालक का सड़क पर सिर जा लगा, और हेलमेट के 2 टुकड़े हो गए। पीड़ित ने हेलमेट खरीदने वाले मनोज को इसके बारे में बताया तो उनके गाली-गलौच शुरू करके अंजाम भुगतने की धमकी भी दी। जिसके बाद उसने गाजियाबाद पुलिस को शिकायत की।
पुलिस ने आरोपियों को किया गिरफ्तार
पुलिस ने पीड़ित की शिकायत के आधार पर ट्रेडमार्क अधिनियम के तहत केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। थाना प्रभारी का कहना है कि मामले में मनोज और गुड्डू को गिरफ्तार कर लिया गया है। आरोपियों की निशानदेही के आधार पर लोनी बार्डर इलाके में चल रही नकली हेलमेट बनाने की फैक्टरी का खुलसा करते हुए 408 हेलमेट बरामद कर लिए है। सभी पर ब्रांडेड कंपनी का ट्रेड मार्क लगा हुआ था। आरोपियों का कहना है कि लोग सस्ते के चक्कर में पड़कर नकली हेलमेट आसानी से खरीदते हैं।
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