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Badnaam Lassi का है UP POLICE के अधिकारी से कनेक्शन... स्वाद भाते ही 'बदनाम' हो गई लस्सी

अक्सर हर किसी को अपनी बदनामी से डर लगता है।.... लेकिन क्या कभी किसी पंसदीदा चीज को बदनाम करते सुना है, नहीं ना लेकिन यह सच है, और बदनामी भी ऐसी जिसके लिए लोग दूर -दूर से खींचे चले आए। और यही बदनामी आपकी पहचान भी बन जाए। जी हां पीलीभीत में एक लस्सी की दुकान इतनी बदनाम है, कि उसके लिए लोग देश के कौने-कौने से आते हैं। दरअसल लस्सी का नाम है बदनाम लस्सी.... अब आप यह सोचेंगे कि आखिर इसका नाम बदनाम क्यों हैं। तो आपको बता दें कि इसके पीछे की कहानी जुड़ी है यूपी पुलिस के कप्तान से। जिन्होंने आज से तकरीबन 32 साल पहले जब इस लस्सी का स्वाद चखा तो वह भी इसके दिवाने हो गए।
कैसे पड़ा बदनाम लस्सी नाम?
साल 1990 में आसाम चौराहा जो इस समय बांसुरी चौराहा के नाम से प्रख्यात है, वहां सक्सेना जी लस्सी वाले के नाम से से एक दुकान थी। जहां काफी लोग गर्मी के सीजन में आते थे और लस्सी का सेवन करते थे। इसी बीच जिला पुलिस में कप्तान के तौर पर अशोक कुमार त्यागी की तैनाती हुई थी। एक दिन किसी कार्य से वह बीसलपुर के लिए रवाना हुए। तभी पुलिस कप्तान की नजर लस्सी की दुकान पर गई। कप्तान साहब रूके और लस्सी का एक गिलास पिया। जो कप्तान साहब को इतना ज्यादा पसंद आया कि उन्होंने इसे पीलीभीत की "बदनाम लस्सी'' का नाम दे दिया। जिसके बाद से ही सक्सेना लस्सी शॉप बन गई ''बदनाम लस्सी''। लेकिन सक्सेना साहब को आखिर क्या मालूम होगा कि कप्तान साहब का दिया नाम आज एक बड़ा ब्रांड बन जाएगा।
आखिर क्या है खासियत ?
बदनाम लस्सी के मालिक आकाश का कहना है कि उनकी लस्सी का स्वाद इसलिए सबसे अलग है क्योंकि इसमें प्रयोग में ली जाने वाली दही के साथ विशेष तौर पर खोया का भी इस्तेमाल किया जाता है। जो एक खास विधि द्वारा तैयार किया जाता है। जिसकी वजह से यह सभी के अपना दिवाना बना देती है। इस लस्सी की कीमत भी ज्यादा नहीं है महज 35 रुपए है।
कैसे पहुंचा जाए बदनाम लस्सी के पास?
बदनाम लस्सी के स्वाद का जायका अगर आप भी लेना चाहते हैं, तो इसके लिए यूपी के पीलीभीत स्थित बांसुरी चौराहे आए। जहां से महज 100 मीटर दूरी पर शाहजहांपुर रोड पर बदनाम लस्सी आपका इंतेजार कर रही होगी।
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